मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की विशेष रिपोर्ट
16 से 18 नवम्बर तक आयोजित तीन दिवसीय 72वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम को लेकर मैट्रो प्लस
की स्पेशल रिपोर्ट
72वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम की तैयारियां अंतिम चरण में
समालखा (पानीपत), 13 नवम्बर:
संत निरकारी मिशन 16 से 18 नवम्बर को तीन दिवसीय 72वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम आयोजित करने जा रहा है। सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने समागम स्थल पर तैयारियों का उद्वघाटन 6 अक्तूबर को अपने कर-कमलों द्वारा किया। तभी से 4000 से भी अधिक सन्त निरंकारी सेवादल के सदस्य तथा अन्य श्रद्धालु भक्त प्रत्येक दिन सेवा कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों की भांति इनमें दिल्ली और हरियाणा के अलावा देश के अन्य राज्यों से आकर भी श्रद्धालु भक्त सेवा कर रहे हैं।
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह समागम सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल जी.टी. रोड, समालखा में आयोजित किया जा रहा है जो कि 615 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। आजकल जीटी रोड़ से आने जाने वाले यात्रियों के लिए यह शामियानों की चमकती नगरी एक आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। समागम में जहां हर वर्ष की भांति भारत के विभिन्न प्रातों से लाखों की संख्या में हर वर्ष की भांति भक्तों के आने की सम्भावना है वहीं दूर देशों से भी हजारों प्रतिनिधियों के सम्मिलित होने की सम्भावना है।
समागम के प्रबंध के लिए सन्त निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति को ही समागम संचालन की जिम्म्ेेादारी सौंपी गई है। सन्त निरकारी मण्डल के उप-प्रधान वीडी नागपाल को समागम के संयोजक (कार्डिनेटर) की जिम्मेदारी दी गई है। केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड के सदस्यों एवं सन्त निरंकारी सेवादल के केन्द्रीय अधिकारियों से भी इस समिति में सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। प्रत्येक विभाग की सहायता के लिए कुछ उप-समितियों का गठन भी किया गया है।
मुख्य सत्संग पंडाल के आसपास मंडल के विभिन्न विभागों के कार्यालय, प्रेस एवं पब्लिसिटी विभाग, सन्त निंरकारी चैरिटेबल फाउंडेशन का कार्यालय, समागम संचालन समिति कार्यालय, प्रकाशन-पत्रिका विभाग, ब्रांच प्रशासन, दूरसंचार, रेलवे आरक्षण तथा मिशन की अन्य गतिविधियों के लिए स्थान बनाये जा रहे हैं। बसों तथा अन्य वाहनों की पार्किंग व्यवस्था भी सत्संग पंडाल से अधिक दूर नहीं है। समागम से सबंधित किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिये एक हेल्प लाइन भी चलाई गई है जिसका नम्बर है-1800-123-109090। यह हेल्पलाईन सेवा 10 से 20 नवम्बर तक 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
निरंकारी प्रदर्शनी:-
सत्संग पंडाल के पीछे निरंकारी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जो निरंकारी संत समागम के मुख्य विषय सन्त निरकारी मिशन के 90 वर्ष पर केन्द्रित रहेगी। प्रदर्शनी की तैयारियों में सैकड़ों कलाकार एवं सेवादार लगातार जुटे हुये हैं। यह प्रदर्शनी मिशन के मौलिक सिद्वान्तों एवं इतिहास के साथ-साथ समागम की महत्ता, सद्गुरू की भारत एवं दूर देशों की कल्याण यात्राओं तथा समाज कल्याण की गतिविधियों को दर्शायेगी।
इसी प्रदर्शनी के एक हिस्से में स्टूडियो डिवाइन ने संत निरंकारी मिशन के इतिहास पर आधारित छ: वृत्तचित्रों के प्रदर्शन का आयोजन किया है जिनके लिए दो ऑडिटोरियम बनाये किए गये है। इसके अतिरिक्त मिशन से संबंधित किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए क्यू आर कोड तथा क्योस्क बनाये गये है।
इसी प्रदर्शनी के एक अन्य हिस्से में संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन मिशन द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को विशेष मॉडलों तथा फोटो द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। इन गतिविधियों में रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, सफाई अभियान, युवा एवं महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, प्राकृतिक आपदाओं में सहायता कार्य इत्यादि प्रमुख हैं।
इसी प्रदर्शनी में गत् वर्षों की भांति मिशन द्वारा बाल प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी बच्चों के द्वारा मॉडल तथा एनीमेशन के आधार पर तैयार की जा रही है जिसमें बच्चों के जीवन में मिशन के संदेश का महत्व उजागर करने का प्रयास होगा। यह प्रदर्शनी 13 नवम्बर सांय से 19 नवम्बर तक लगाातार खुली रहेगी।
निरंकारी प्रदर्शनी के अतिरिक्त मण्डल का स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग भी अपनी गतिविधियों की प्रदर्शनी लगायेगा जिसमें मानव शरीर को स्वस्थ रखने के उपायों को दर्शाया गया है।
ट्रांसपोर्ट:-
समागम में भाग लेने के लिये रेल द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को सलाह दी गई है कि वे समागम स्थल के पास लगने वाले भोडवाल माजरी रेलवे स्टेशन पर ही उतरें। वहां सेवादल उनकी मदद के लिए मौजूद रहेगा और उन्हें अपने-अपने रिहायशी टेंटों तक पहुंचायेगा। रेलवे द्वारा पहले ही यह व्यवस्था कर दी गई है कि 5 नवम्बर से लेकर 30 नवम्बर तक सभी मेल तथा एक्सप्रेस गाडिय़ां 3 मिनट के लिये भोडवाल माजरी स्टेशन पर रूकेंगी।
इसके अतिरिक्त जो श्रद्धालु-भक्त पानीपत रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, उनके लिये समागम कमेटी की ओर से विशेष बसों का प्रबंध किया गया है जिसमें भक्तों को किराया नहीं देना पड़ेगा। दूर देशों से आने वाले प्रतिनिधियों के ठहरने एवं उन्हें समालखा समागम स्थल पर लाने-ले जाने के लिए समागम कमेटी की ओर से उचित व्यवस्था की गई है। मण्डल के ट्रांसपोर्ट विभाग ने समागम के लिये लगभग 300 बसों की व्यवस्था की है।
मण्डल द्वारा जारी ट्रोल फ्री हेल्प लाइन नम्बर 1800-123-109090 की सुविधा उन सभी महात्माओं के लिए उपलब्ध रहेगी जो समागम में भाग लेने के लिए बाहर से आयेंगे और हवाई अड्डे, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों तथा आईएसबीटी पर उतरेंगे। दिल्ली के रेलवे स्टेशन हैं- पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हजऱत निज़ामुद्दीन, आनंद विहार, सराय रोहेला और सब्ज़ी मण्डी। आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खाँ। इनके अलावा जो श्रद्धालु भक्त भोडवाल माजरी, सोनीपत तथा पानीपत रेलवे स्टेशनों पर उतरेंगे, यह सुविधा उनके लिए भी उपलब्ध रहेगी।
इस प्रकार ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे सभी भक्तों की सहायता कर सकेगा जिन्हें वाहनों की ज़रूरत होगी।
सन्त निरंकारी मण्डल द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से बिजली, पानी, सीवरेज आदि की आवश्यक जरूरतों के लिये व्यापक व्यवस्था की गई है। इसमें ट्रैफिक कंट्रोल, सुरक्षा व अग्निशमन की सुविधाएं भी शामिल है।
समागम स्थल को चार मैदानों में बांटा गया है। प्रत्येक मैदान में लंगर के बनाने व वितरण करने की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त सभी मैदानों में लगभग 20 कैंटीनों की व्यवस्था की गई है जहां पर खानपान की सामग्री, चाय, कॉफी, शीतल पेय तथा अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे। लंगर तथा कैंटीनों में हर प्रकार से सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लंगर स्टील की थालियों में परोसा जायेगा। चपाती बनाने के लिए चार मशीनों का प्रबंध किया गया है। अन्य सेवाएं सेवादल के सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा की जायेंगी।
पत्र-पत्रिकाएं:-
प्रकाशन विभाग द्वारा 17 स्टॉल लगाये जायेंगे जिनमें दो स्टॉल सन्त निरंकारी कॉलोनी, दिल्ली में होंगे। यहां से श्रद्धालु भक्त मिशन का साहित्य, फोटो, डीवीडी, डायरी, कैलेंडर तथा अन्य सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
पत्रिका विभाग भी नए सदस्यों के पंजीकरण के लिए अपना कार्यालय समागम स्थल पर स्थापित करेगा। इस अवसर पर पत्रिका विभाग द्वारा एक विशेष स्मारिका Óयुवा सशक्तिकरणÓ पर प्रकाशित की जा रही है।
स्वास्थ्य:-
सन्त निरंकारी मण्डल के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम के दौरान 11 डिस्पेंसरियां कार्य करेंगी, जिनमें कुल 87 बिस्तरों का भी प्रबंध किया जायेगा। इनके अतिरिक्त 19 प्राथमिक सहायता केन्द्र, 24 एम्बुलेंस (जिनमें 8, 102 एम्बुलेंस सम्मिलित हैं) भी उपलब्ध रहेंगी। गंभीर अवस्था में मरीजों को निकट के पानीपत, सोनीपत एवं दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने का प्रबंध भी किया गया है।
गत् वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम में 60 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय डॉक्टरों की टीम आर्थोपेडिक मरीज़ों के लिए कायरो चिकित्सा पद्धति का अपना शिविर आयोजित करेगी।
रेलवे:-
समागम स्थल पर रेलवे आरक्षण तथा बुकिंग के लिये 6 काऊंटर कार्य करेंगे। जिनमें 3 आरक्षित, 2 अनारक्षित एवं 1 पूछताछ केन्द्र रहेगा जिनकी सुविधाएं 15 से 20 नवम्बर तक ग्राउंड न. डी में उपलब्ध रहेंगी तथा जिनका समय प्रात: 9:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक रहेगा। लेखा जोखा विभाग द्वारा 14 एटीएम मशीनों का प्रबंध किया गया है। इसके अतिरिक्त चलते-फिरते एटीएम की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। ऑनलाइन भुगतान के लिए 50 स्वाइप मशीनों का भी प्रबंध किया गया है। इन सभी सुविधाओं के लिये विभाग द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया, एचडीएफसी बैंक, ओबीसी बैंक तथा एसबीआई बैंक से सहयोग प्राप्त किया गया है।
समागम का मुख्य विषय:-
इस वर्ष निरंकारी संत समागम मिशन का मुख्य विषय है-सन्त निरकारी मिशन के 90 वर्ष। संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से विश्व में सत्य प्रेम व एकत्व का सन्देश दे रहा है सन् 1929 से पेशावर में जब मिशन के संस्थापक बाबा बूटा सिंह जी ने सत्य- ज्ञान की रोशनी को फैलाने का संकल्प लिया, तब मिशन का आरम्भ हुआ। सन 1943 में जब इस अभियान की बागडोर बाबा अवतार सिंह के हाथों में आई, तो उन्होंने प्रचार की गति को तीव्रता प्रदान की। भारत के विभाजन के बाद पहाडग़ंज, दिल्ली में आकर बाबा अवतार सिंह ने 1948 में संत निंरकारी मंडल की स्थापना की। सन 1948 में ही मिशन का प्रथम सन्त निरंकारी समागम हुआ।
सन 1962 से बाबा गुरबचन सिंह ने इस मानवता के इस अभियान की बागडोर संभाली और करीब 17 बर्षों तक मिशन का दिव्य सचंालन किया। सन् 1965 व 1973 में मसूरी कांफ्रेंस आयोजित कर सामाजिक सुधारों की दिशा में दूरगामी निर्णय लिए गए, जिनमे नशाबंदी, सादा विवाह, महिला सशक्तिकरण आदि प्रमुख है। मिशन की आवाज को दूर-देशों मे पहुंचाने का कार्य भी इसी समय में आरम्भ हुआ। सत्य की आवाज को दबाने के लिए कई प्रकार के विरोधों का भी मिशन को सामना करना पड़ा। जिनके कारण 1980 में बाबा गुरबचन सिंह ने मानवता की बलिवेदी पर अपने प्राणों का महान बलिदान दिया।
सन 1980 से बाबा हरदेव सिंह ने मिशन की मानवता की मशाल को अपने हाथों में लिया एवं इस सत्य और प्रेम के सन्देश को जन-जन तक पहुंचानें की मुहिम को तेज कर दिया। देश और दूर देशों में कल्याण यात्राओं की अनवरत श्रंखला आरम्भ हो गयी। सन 1980 में 33वां समागम और 2015 में होने वाला 68वां समागम बाबा हरदेव सिंह के पावन रहनुमाई में होने वाला क्रमश: प्रथम व अंतिम समागम था। 13 मई, 2016 को सद्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज संसार से विदा होकर निरंकार में विलीन हो गए ।
तत्पश्चात सद्गुरू माता सविंदर हरदेव जी ने मिशन की बागडोर संभाली और करीब दो वर्षों तक निरंतर देश व दूर देशों में मिशन का प्रचार उसी गति के साथ किया जिस प्रकार बाबा जी के समय में हो रहा था। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 36 वर्षों तक मिशन का मार्गदर्शन किया और इस दौरान माता सविन्दर जी ने बाबा जी के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया।
16 जुलाई 2018 को माता सविंदर हरदेव जी ने मिशन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी वर्तमान सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को सौंपने का निर्णय लिया और 17 जुलाई 2018 को एक सत्संग समारोह में पूज्य सुदीक्षा जी के मस्तक पर तिलक लगाकर सद्गुरू के पवित्र आसान पर विराजमान कर दिया।
8 अगस्त 2018 को माता सविंदर हरदेव जी ने अपने मानव शरीर का त्याग किया। इस वर्ष मिशन का 72वां संत निरंकारी समागम सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की दिव्य रहनुमाई में होने जा रहा है।
समागम के मुख्य कार्यक्रम:-
समागम का शुभारंभ शनिवार, 16 नवम्बर को दोपहर लगभग 1.00 बजे सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के समागम स्थल पर आगमन के साथ होगा। सद्गुरू माता जी की अगुवाई, समागम कमेटी के सदस्यों द्वारा समस्त साध संगत की ओर से स्वागत के उपरांत एक शोभा यात्रा के रूप में मुख्य मंच तक की जायेगी। मिशन के हजारों अनुयायी उनका उद्घघोष द्वारा अभिवादन करेंगे और सद्गुरू माता जी मानव के लिए अपने दिव्य आशीर्वाद प्रदान करेंगे। सद्गुरू माता जी मुख्य मंच पर आसीन होते ही मानवता के नाम संदेश देंगे और समागम के प्रथम दिवस का कार्यक्रम आरम्भ हो जायेगा। सत्संग कार्यक्रम सायं 8.30 बजे तक चलेगाा और सद्गुरू माता जी के आशीर्वचनों के साथ सम्पन्न होगा।
दूसरे दिन का मुख्य कार्यक्रम होगा सेवादल रैली जिसका समय है प्रात: 11.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक। इस रैली में सेवादल के देश व दूर देशों से आये हजारों पुरूष तथा महिलायें भाग लेंगी। सेवादल रैली के उपरांत सत्संग कार्यक्रम दोपहर 2.00 बजे से सायं 8.30 बजे तक चलेगा और सद्गुरूप्त माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रवचनों के साथ सम्पन्न होगा।
अंतिम दिवस का कार्यक्रम दोपहर 2.00 बजे से सायं 8.30 बजे तक होगा और सद्गुरूप्त माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रवचनों के साथ सम्पन्न होगा। इस कार्यक्रम में 3.00 बजे से 5.00 बजे तक एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन होगा। इसमें कवि महात्मा अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे। कवि सम्मेलन का विषय है – मिशन प्यार का युगों युगों से, ब्रह्म के साथ मिलाता आया
समाज कल्याण:-
आध्यात्मिक जागरूकता के अतिरिक्त मिशन समाज कल्याण के कार्यों में भी अपना योगदान दे रहा है। आज मिशन भारत की स्वेच्छा से रक्तदान करने वाली अग्रिम संस्थाओं में से एक है। वर्ष 1986 से आरम्भ होकर मिशन के द्वारा देशभर में अब तक 6362 रक्तदान शिविर लगाये जा चुके हैं जिनमें 10 लाख 90 हजार 980 यूनिट रक्तदान किया गया। गत वर्ष मिशन ने 531 रक्तदान शिविर आयोजित किये जिनमें 85,681 यूनिट रक्तदान किया गया। इस वर्ष अप्रैल से अब तक 271 शिविर लगाये जा चुके हैं जिनमें 52,847 यूनिट रक्तदान किया गया।
मिशन के द्वारा देश में चार धर्मार्थ अस्पताल, 133 डिस्पैंसरियां तथा 9 पैथोलौजीकल प्रयोगशालाएं चलाई जा रही हैं। अस्पताल कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली और आगरा में स्थित हैं जबकि डिस्पैंसरियां देशभर में फैली हुई हैं। मिशन का विले पार्ले, मुम्बई में एक ब्लड बैंक भी सेवारत है। मिशन द्वारा समय-समय पर आंखों के ऑपरेशन, स्वास्थ्य जांच और हृदय जंांच आदि के लिए भी शिविर आयोजित किये जाते हैं। दिल्ली में सन्त निरंकारी हेल्थ सिटी का भी निर्माण किया जा रहा है।
इसी तरह मिशन दो कॉलेज और 19 स्कूल दिल्ली तथा देश के अन्य स्थानों में चला रहा है। विधवाओं तथा जरूरतमंद महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए मिशन 54 सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र चला रहा है। इसके अतिरिक्त युवाओं के उत्थान के लिए विभिन्न व्यवसायिक कोर्स जैसे कम्प्यूटर प्रशिक्षण तथा संचार कौशल भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
वर्ष 2003 से प्रतिवर्ष मिशन के श्रद्धालु भक्त 23 फरवरी को देश और दूर देशों में वृक्षारोपण तथा सफाई अभियान का आयोजन करते आ रहे हैं। वर्ष 2010 से समाज कल्याण की गतिविधियां सन्त निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित की जा रही हैं।

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