मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 12 अक्टूबर:
नैतिकता की सुर सरिता में जन-जन मन पावन हो।
शिक्षित, संस्कृत व जागृत हर छात्र का जीवन हो।।

इन पक्तियों को मैं जब भी सुनती हूं तो ऐसा लगता है कि यह भाव हर शिक्षण संस्थान में होना चाहिए। हम जब भी द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल के प्रबंधन और कार्यप्रणाली के बारे में चिंतन करते हैं तो दो-तीन बातें हमेशा जहन में रहती हैं। पहली ये कि हमें ऐसी शिक्षा बच्चों को देनी है जो उन्हें आगे आने वाले जीवन में काम आएंगी। दूसरी, बेटे-बेटियों को हम समान वातावरण में शिक्षा दें और तीसरी यह कि हम बच्चों व माता-पिता को स्कूल के साथ कनेक्ट कर सकें। इन सभी मापदंडों पर खरे उतरे हैं। इसके पीछे अभिभावकों का सहयोग और स्टॉफ के साथियों का कठोर परिश्रम है।
मैं आपको यह बताना चाहती हूं कि द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल में आधुनिक शिक्षा और संस्कृति का मेल-जोल है। हम द्रोणाचार्य के विद्यार्थियों में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ उनको जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते है। साथ ही देश और समाज की खुशहाली के लिए एक जागरूक, अनुशासित और संवदेनशील नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करते हैं। इसी कड़ी में हमने देशप्रेम को हद्वय से जोडऩे के लिए सैक्टर-23ए स्कूल परिसर में एक 66 फुट ऊंचा तिरंगा झंडा लगाया जिसे देखकर सबका सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है।
यकीन मानिएं, हम किसी राजनैतिक विचारधारा को नहीं अपितु देश के महान वीर नायकों, महापुरूषों और ऋषियों की परंपरा को ही आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसी कड़ी में अधिकाधिक बेटियों को शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए हमने बेटियों की दाखिला फीस को पूरी तरह से माफ कर दिया है कि कम से कम दाखिले के नाम पर फीस बेटियों की शिक्षा में रूकावट न बने। वहीं सिबलिंग की आधी दाखिला फीस माफ कर रहे हैं ताकि अभिभावक का एक बच्चा पहले से द्रोणाचार्य में पढ़ता है तो दूसरा बच्चा भी उसके साथ ही शिक्षा ग्रहण कर सके। इस दिशा में यह एक सहयोगी कदम हैं। इसका अभिभावकों ने भी जोरदार स्वागत किया है।
इसी कड़ी में हमने स्कूल के नन्हे-मुन्हे विद्यार्थियों की विंग, जिसका नाम हमने टोडलर स्टूडियो रखा है, को पूरी तरह से वातानुकूलित कर दिया है। जिससे कि छोटे-छोटे बच्चे एक सुविधापूर्ण व सहज एवं प्रदूषण सहित वातावरण में सुदृढ़ व स्वस्थ भविष्य के लिए तैयार हो सकें। हमारी कोशिश है कि माता-पिता को उनके बच्चों के बारे में चिंतामुक्त बनाया जाए और हम सभी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।

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