मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 9 फरवरी:
NH-2D/9-10 BP के उन शोरूम मालिकों को नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों से फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है जिनके शोरूम कल सोमवार को निगम द्वारा सील कर दिए गए थे। साथ ही सड़क चौड़ी करने और और अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोडफ़ोड़ कर दुकानदारों का उन्हीं की आंखों के सामने लाखों रूपयों का नुकसान भी कर दिया गया था। अपने शोरूमों की सील खुलवाने और उन्हें रेगुलराईज कराने को लेकर आज पीडि़त शोरूम मालिक ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान से मिले थे और उन्हें इस संबंध में अपनी लिखित रिप्रजंटेशन भी दी थी लेकिन वहीं से उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। कारण, ज्वाईंट कमिश्रर ने उन्हें इस संबंध में निगमायुक्त से मिलने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। ज्वाईंट कमिश्रर से मिलने वालों में नितिन कालरा, संदीप नरूला, मिगलानी, सुरेश अग्रवाल, जिंदल, कमल गोयल, अंकित अग्रवाल, विनोद आहूजा आदि विशेष रूप से शामिल थे। बाद में इन लोगों ने निगमायुक्त की अनुपस्थिति में उनके ऑफिस में अपनी एप्लीकेशन डायरी करा दी है।
नगर निगम के अधिकारियों से उक्त मामले में परेशान NH-2D/9-10 BP के शोरूम मालिकों ने इस संबंध में यहां पर कोई कार्यवाही ना होने पर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के समक्ष अपनी फरियाद रखने के बाद इस मामले में हाईकोर्ट जाने की बात भी कही है।
अब देखना यह है कि इस मामले में भविष्य में क्या रिजल्ट निकलकर सामने आता है। इनको शासन-प्रशासन से राहत मिलती है या हाईकोर्ट से। या फिर दोनों जगह से राहत ना मिलने पर ये लोग पहले की ही तरह एक बार फिर से अपने-अपने शोरूमों की सील तोड़कर शोरूम खोल लेते हैं जैसा कि सन् 2016 में हुआ था जब तत्कालीन ज्वाईंट कमिश्रर आशिमा सांगवान ने इनके शोरूमों को सील किया था लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद वो सभी सील तोड़ दी गई थी। लेकिन शायद ही अब ऐसा हो क्योंकि ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान का ट्रांसफर फिलहाल तब तक यहां से सरकार नहीं कर सकती जब तक उनके पास हाईकोर्ट से अपने ट्रांसफर का स्टे आर्डर है।
यहां यह बात भी ध्यान रहे कि ज्वाईंट कमिश्रर ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी हुई है कि यदि शोरूम की सील तोड़ी तो वे इस मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगे।
नगर निगम मुख्यालय में आए पीडि़त दुकानदारों का कहना था कि उक्त प्रोपर्टी Rehabiliation/पुर्नवास स्कीम के तहत अलॉट हुई थी जिनको वे कॉमर्शियल और रिहायशी तौर पर दोनों तरह से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। उनका कहना था कि उक्त प्रोपर्टी का कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए उन्होंने 16 दिसम्बर, 2011 को नगर निगम में हरियाणा सरकार की रिहायशी को कॉमर्शियल में कनर्वट करने की स्कीम/पॉलिसी के तहत एप्लाई भी किया हुआ है जोकि निगम में पेंडिंग ही चलती आ रही है। उक्त रिप्रजंटेशन/एप्लीकेशन पर नगर निगम की संबंधित अथार्रिटी ने तब से अब तक कोई भी स्पीकिंग आर्डर पास नहीं किया है जबकि उन्होंने सरकार की स्कीम/पॉलिसी के तहत निगम में 12 लाख, 44 हजार, 600/- रूपये की रकम जमा भी करवाई हुई है। बावजूद इसके करीब 9 सालों से उनका मामला अधर में लटका कर रखा गया है जबकि इस बीच कई जगह सीएलयू किए भी गए हैं।
साथ ही उनका यह कहना था कि नियम के मुताबिक यदि 90 दिनों के अंदर चेंज ऑफ लेंड की एप्लीकेशन पर कोई फैसला नहीं लिया जाता तो वो एप्लीकेशन अपने आप मंजूर मानी जाती है।
यहीं नहीं पीडि़त शोरूम मालिकों का कहना था मजेदार बात तो यह है कि नगर निगम फरीदाबाद उनसे प्रोपर्टी टैक्स, पानी व सीवरेज की कॉमर्शियल चार्जिग भी कर रहा है जिसकी रसीद उनके पास है। लेकिन अब सोमवार, 8 फरवरी को अचानक निगम अधिकारी बिना कोई नोटिस दिए उनके वहां पहुंचे और उनके शोरूमों की सीलिंग कर तोडफ़ोड़ की कार्यवाही कर दी। निगम की इस कार्यवाही को उन्होंने नगर निगम एक्ट की अवमानना बताते हुए संयुक्त आयुक्त को दी अपनी एप्लीकेशन में लिखा है कि वे उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर सीलिंग के आर्डरों को वापिस लेते हुए उनकी प्रोपटी की कंवरजेशन/रेगुलेराईजेशन की पेंडिंग चली आ रही फाईलों पर समय सीमा के अंदर डिस्पोज ऑफ करें।
कुल मिलाकर गैर-कानूनी रूप से रिहायशी प्लॉट में सब-डिवीजन कराकर बड़े-बड़े बेशकीमती शोरूम खड़ा करके ये लोग फिलहाल तो अपने आप को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि कोरोना की मार झेलने के बाद अब ये लोग निगम द्वारा की गई सीलिंग की मार झेलने को मजबूर हैं।
मैट्रो प्लस ने इस संबंध में जब ज्वाईंट कमिश्रर प्रशांत अटकान से बात की तो उनका कहना था कि उनका काम सरकार और निगमायुक्त के आदेशों की पालना करना है और इस संबंध में निगमायुक्त ही कोई फैसला करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *