सोनिया शर्मा
फरीदाबाद, 28 सितंबर:
उपायुक्त डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिले में डेंगू व मलेरिया की बीमारी को पनपने का कारण बने मच्छरों को खत्म करने के लिए फोगिंग भी जोर-शोर से करवाई जा रही है। इसी कड़ी में आज स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सैक्टर-28 हाऊसिंग बोर्ड , सैक्टर-19 तथा ग्राम अनंगपुर क्षेत्र में फोगिंग की गई।
उन्होंने जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी लोगों का आह्वान किया है कि वे अपने यहां स्वास्थ्य विभाग की फोगिंग टीम के पहुंचने पर उन्हें पूरा सहयोग करें और अपने घरों में सही तरीके से फोगिंग करवाएं। यदि मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सके तो मलेरिया व डेंगू से बचाव संभव है। इसके लिए जरूरी है कि घरों के आस-पास तथा छतों पर पानी को जमा न होने दिया जाए ताकि इन बिमारियों का कारण बनने वाले मच्छर न पनप सकें।
उपायुक्त ने बताया कि पूरे जिले में लोगों को इन बिमारियों से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला सिविल सर्जन डॉ० गुलशन राय अरोड़ा तथा जिला मलेरिया अधिकारी डॉ० रामभगत की प्रमुख देखरेख में व्यापक रूप से फोगिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के जीव वैज्ञानिक डॉ० पीके अरोड़ा द्वारा ओल्ड फरीदाबाद, बल्लबगढ़, एनआईटी-प्रथम व द्वितीय के रूप में बनाए गए सभी चारों जोनों में सम्बन्धित प्रभारी नियुक्त किए गए है।
उन्होंने बताया कि ये बिमारियां मच्छरों के काटने से फैलती हैं जो कि रूके हुए साफ पानी में भी पैदा हो जाते हंै। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कुछ आवश्यक उपायों को बरतना अत्यंत जरूरी है। एयर कूलरों को सप्ताह में एक बार रगड़ कर साफ करें। जो कूलर खाली न हो सकें उनमें सप्ताह में एक बार एक बड़ा चम्मच पैट्रोल या मिट्टी का तेल डालें। पानी की टंकियों के ढक्कन हमेशा बन्द करके रखें। अपने घर व आस-पास के क्षेत्रों में पानी इकठ्ठा न होने दें। ऐसे कपड़े पहने जिनमें बाहें व टांगे ढकी रहें। डेंगू व मलेरिया नाशक दवाई के छिड़काव के उपारान्त उस पर अगले दो महीनों तक सफेदी न करें।
उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। इसके प्रमुख लक्षणों में सर्दी व कम्पन के साथ तेज बुखार आना, बुखार हर रोज, एक दिन छोड़ कर या चौथे दिन आना तथा सिर दर्द व उल्टी आना आदि शामिल हैं। डेंगू के लक्षणों में अचानक तीव्र ज्वर होना, सिर के अगले भाग, आंखों के पिछले भाग, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, छाती व हाथ के ऊपरी भाग पर खसरे जैसे दाने निकल आना तथा भूख कम होना व उल्टी होने की स्थिति देखी जाती है।
डॉ० अग्रवाल ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बार अब तक लिए गए 1074 रक्त के नमूनों में से 54 नमूनें डेंगू प्रभावित पाए गए जिनमें से कुछ मरीजों का उपचार हो चुका है जबकि कुछ मरीज अभी उपचाराधीन हैं और स्थिति पूर्णत: नियंत्रण में है ।
उपायुक्त ने बताया कि डेंगू व मलेरिया होने पर उपचार में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। बुखार आने पर खून की जांच करवाएं। डेंगू पाए जाने पर रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाएं। मलेरिया पाए जाने पर दवाई का 14 दिन कोर्स पूरा करें। ये दवाईयां सभी चिकित्सा संस्थानों पर मुफ्त दी जाती हंै। डेंगू बुखार में स्वयं दवा खाने से बचें और डस्प्रीन अथवा ब्रूफेन का ही सेवन करें। नीम-हकीमों के चक्कर में न पड़ें और खाली पेट क्लोरोक्वीन की गोलियां न लें। तेज बुखार के साथ-साथ उल्टी, सिरदर्द व बेहोशी होने पर रोगी को अस्पताल ले जाने में देरी नही करनी चाहिए।
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