मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़/फ़रीदाबाद, 11 जून:
बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा निर्मित कोरोनिल किट खरीदने के हरियाणा सरकार के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। सरकार ने 2.5 करोड़ रुपये खर्च करके एक लाख कोरोनिल किट खरीदने और उसे रोगियों को मुफ्त में वितरित करने की घोषणा की थी। फरीदाबाद निवासी युवक अभिजीत सिंह द्वारा दायर याचिका में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित अवैज्ञानिक कोरोनिल किट की खरीद और वितरण से हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में हरियाणा सरकार को करदाताओं के पैसे को बर्बाद करने से रोकने के लिए और इसके बजाय उचित वैज्ञानिक दवा और चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग करने के लिए और निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, टीके, ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर/सिलेंडर, एंटीबायोटिक्स, पेरासिटामोल, कफ सिरप, विटामिन-C आदि की तत्काल आवश्यकता है ना कि अवैज्ञानिक कोरोनिल किट की। याचिका में याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य विभाग को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन IMA और विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की सलाह से काम करने का निर्देश देने की भी मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि 23 जून, 2020 को, पतंजलि ने कोरोनिल किट लॉन्च की, जिसमें दावा किया गया कि किट 100 प्रतिशत कोविड -19 रोगियों का इलाज करती है। इसके तुरंत बाद, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को विज्ञापन बंद करने और पतंजलि द्वारा किए गए ऐसे दावों पर नोटिस भेज कर जवाब मांगा था। इतना सब होने के बाद भी 24 मई को, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने निर्णय लिया और ट्वीट किया कि हरियाणा सरकार 1 लाख कोरोनिल किट खरीदेगी और इसे कोविड रोगियों को मुफ्त में वितरित करेगी। हरियाणा सरकार इन कोरोनिल किट पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी। याचिका में हरियाणा सरकार व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को भी प्रतिवादी बनाया गया है। यह याचिका हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दायर कर दी गई है, इस पर जल्द ही सुनवाई की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *