…अगर गाड़ी पर लगाया पहचान स्टिकर तो कटेगा चालान, हाईकोर्ट ने दिए आदेश!
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 31 जनवरी:
अगर आप एडवोकेट, पत्रकार, जज, सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, सरकारी अधिकारी, डॉक्टर, चेयरमैन या प्रधान आदि जो भी हो और आपने अपनी गाड़ी पर अपने पेशे, पद या पहचान से संबंधित कोई भी लोगो वाला स्टीकर, प्लेट आदि अपनी गाड़ी पर चिपकाया या लिखवाया तो आपको अपना चालान कटवाना पड़ सकता है। जी हां, यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह आदेश पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित डबल बैंच ने मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चल रहे एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया है। खास बात यह थी कि केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव शर्मा ने इसकी शुरूआत अपने आप से करते हुए अपने ड्राइवर को बुलाकर सबसे पहले अपनी सरकारी गाड़ी में लिखा हाईकोर्ट मिटाने को कहा। वहीं इन आदेशों की पालना करते हुए नगर निगम फरीदाबाद की शरीफ मेयर सुमनबाला ने भी अपनी सरकारी गाड़ी से मेयर लिखी नेम प्लेट हटा ली है।
अपने इन आदेशों में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी भी गाड़ी के ऊपर गाड़ी सवार या अन्य का किसी भी तरह का चिन्ह नहीं दर्शाया जा सकेगा। अब गाडिय़ों के ऊपर एडवोकेट, हाइकोर्ट, डॉक्टर, अध्यक्ष, प्रेस जैसे शब्दों के स्टिकर का इस्तेमाल करना जुर्म होगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान मोटर व्हीकल एक्ट में यह बड़ा फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक अब सिर्फ एम्बुलेंस, फॉयर ब्रिगेड और आपात सेवाओं में लगे वाहनों पर ही पहचान से संबंधित स्टीकर लगाया जा सकेगा। और अगर किसी वाहन में बीमार व्यक्ति को ले जाया जा रहा है तो उस वाहन को एम्बुलेंस की श्रेणी में माना जाएगा।
गाड़ी पर सिर्फ किसी संस्था, सोसाइटी, क्लब की पार्किंग या एंट्री स्टिकर लगाने की अनुमति रहेगी।
फिलहाल यह आदेश सिर्फ चंड़ीगढ़ के लिए ही जारी करतेे हुए यह साफ किया गया है कि चंडीगढ़ में पूरे देश में से कहीं से भी कोई गाड़ी आती है तो उस पर यह आदेश लागू होंगे।
पंजाब-हरियाणा के अधिकारी व राजनेता चक्रव्यूह में फंसे:-
हाईकोर्ट के इन आदेशों के बाद से जहां चंडीगढ़ पुलिस ने चालान काटने शुरू भी कर दिए है। वहीं उपरोक्त आदेशों के बाद हरियाणा, पंजाब के उन अधिकारियों व राजनेताओं में बैचेनी बढ़ गई हैं, जोकि सरकारी कार्य के चलते अपने-अपने प्रदेशों की राजधानी चंडीगढ़ में जाते रहते हैं। ध्यान रहे कि चंडीगढ़ पंजाब व हरियाणा दोनों प्रदेशों की राजधानी है।
कारण, ये अधिकारी व राजनेता अपने प्रदेश में तो झंडी व स्टीकर लगी गाडिय़ों में घूमेंगे और यदि चंडीगढ़ गए तो वहां चंडीगढ़ बार्डर पर उन्हें चोरों की तरह अपनी-अपनी गाडिय़ों से झंडी व स्टीकर हटाने पड़ेंगे। ऐसे में उनके लिए यह आदेश एक दुविधा सी बन गए हैं।
वहीं इन आदेशों के बाद कुछ राजनेताओं ने तो हाइकोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए अपनी सरकारी व प्राईवेट गाडिय़ों पर से अपने पद व पहचान वाली प्लेट हटा भी ली हैं जिनमें फरीदाबाद नगर निगम की शरीफ मेयर सुमनबाला भी शामिल हैं।
हाईकोर्ट के सीनियर वकील पंकज जैन ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह गाडिय़ों के ऊपर अमूमन देखने को मिलता है कि प्रेस, डॉक्टर, एडवोकेट, हाईकोर्ट, जस्टिस, चेयरमैन अध्यक्ष जैसे स्टिकर जो लगाए जाते हैं, वह अब नहीं लगाए जा सकेंगे। और अगर लगाए जाते हैं तो उन पर मोटर व्हीकल एक्ट के कानून के तहत करवाई होगी। सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, चेयरमैन, डॉयरेक्टर, एडवोकेट, सीए, प्रेस, पुलिस, डॉक्टर, आर्मी, भारत सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार या किसी राजनीतिक पार्टी का नाम या फिर झंडी लगाकर चलने वाले सब फाडे जाएंगे। कारण, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इसे गैर-कानूनी करार दिया है और ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन बताते हुए पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *