Metro Plus से Jaspreet Kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 17 जनवरी:
देश में वर्तमान में चल रहे ज्वलंत विषय सीएए और एनआरसी से छात्र-छात्राओं को विधिवत परिचय कराने के लिए डीएवी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में भारत के पांच प्रमुख राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे आरएसएस प्रमुख और पेशे से इंजीनियर कृष्ण सिंघल बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। उनके साथ इस विषय पर जानकारी देने के लिए डॉ० अरविंद गुप्ता भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर कृष्ण सिंघल ने भारतीय नागरिकता कानून का परिचय कराते हुए वर्तमान में इसमें हुए संशोधन से युवा वर्ग को अवगत् कराया। भारतीय नागरिकता कानून को लचीला बताते हुए उन्होंने इसमें हुए संशोधन को उचित ठहराया। श्री सिंघल ने जेएनयू में हो रहे दंगों एवं प्रदर्शनों को अनुचित बताते हुए उपद्रवों तत्वों के कारण विश्वविद्यालय की अर्जित गरिमा को पहुंची क्षति पर चिंता व्यक्त की और युवा पीढ़ी से सहिष्णुता पर बल देने का संदेश देते हुए उचित एवं अनुचित में अंतर करने की सही शिक्षा अर्जित करने की सलाह दी। डॉ०अरविंद गुप्ता ने एनआरसी पर चर्चा करते हुए छात्रों को बताया कि किसी भी राष्ट्र की तरक्की वहां रह रहे लोगों की मानसिक दक्षता और क्षमता के उचित और सार्थक प्रयोग पर निर्भर करती है। उन्होंने वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए छात्रों को चेताया कि में काले पद्धति ने ही भारतीयों को शिक्षित बनाकर उन्हें पंगु बनने पर मजबूर कर दिया है। अपनी मातृ भाषा को महत्व न देकर विदेशी भाषा पर अधिक ध्यान देना किसी भी राष्ट्र के उत्थान में अवरोध प्रकट करता है कॉलेज प्राचार्य डॉ० सतीश आहुजा ने छात्रों को उनके आई कार्ड परिचय पत्र की महत्ता बताते हुए अत्यंत सरल उदाहरणों से सीएए और एनआरसी के विषय में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को शिक्षा ग्रहण करके भारत में ही उसको साध्य बनाने का मार्ग अपनाने का सुझाव दिया। परिचर्चा के अंत में प्रोफेसर मुकेश बंसल ने मुख्य वक्ताओं का ध्यानवाद करते हुए छात्रों को अपने विचार और प्रश्नों को पूछने के लिए आमंत्रित किया। अंत प्रो० मुकेश बंसल ने छात्रों से प्रश्न किया कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर सभी की क्या राय है। इस प्रश्न पर सभी छात्रों ने सर्वसम्मति से इस कदम को उचित ठहराने की बात रखी।
इस मौके पर कृष्ण सिंघल ने अपनी सहमति देते हुए मीडिया के कानून में परिवर्तन लाने का बीड़ा आज की युवा पीढ़ी के कंधों पर डालने का आग्रह किया। उन्होंने युवा पीढ़ी को ही इस देश में नाम परिवर्तन और नई सोच लाने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आने का संदेश दिया परंतु साथ ही यह जताया कि भावुकता और जोश में वे कोई भी गलत कदम न उठाए।

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