नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 17 दिसम्बर: निजी स्कूलों की फीस वृद्धि, अन्य मनमानियों व सीबीएसई के नियमों के उल्लंघन की जांच करने के लिए सीबीएसई के चेयरमैन ने एक बार फिर जांच कमेटी बनाई है जो हरियाणा अभिभावक एकता मंच द्वारा सीबीएसई चेयरमैन को भेजे गए ज्ञापन में उठाई गई मांगों की जांच करेगी। चेयरमैन सीबीएसई के निर्देश पर सहायक सचिव (एफिलेशन) ने अपने पत्र संख्या सीबीएसई/एफ./530008/530079/530012/2014/788782 दिनांक 4-12-2014 के द्वारा शहर के तीन नामी-गिरामी निजी स्कूल एपीजे, एमवीएन, मॉडर्न स्कूल को पत्र भेजकर जांच कमेटी को पूरा सहयोग देने को कहा है। इस पत्र की एक प्रति मंच को भी भेजी गई है।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच की ओर से शहर के 15 निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र 2015-16 के लिए अभी से किए जा रहे नये दाखिले और उनमें एडवांस के रूप में पांच-छ: महीने पहले ही ली जा रही भारी-भरकम फीस व डोनेशन के बारे में सीबीएसई के चेयरमैन को पत्र लिखा था जिसमें सबूत के तौर पर निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों को दी गई रसीद की प्रति लगाकर उनसे सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन करके फरीदाबाद के निजी स्कूलों द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण की जांच करने की मांग की गई। जिस पर कार्यवाही करते हुए चेयरमैन ने यह जांच कमेटी बनाई है।
मंच ने चेयरमैन को यह भी बताया गया था कि स्कूल प्रबंधक दाखिला फार्म जिसकी कीमत सिर्फ 5 से 10 रुपए होती है उसे स्कूल प्रबंधक 500-1000 रुपए में दे रहे हैं। इस मनमानी के रूप में ही वे लाखों रुपए अभिभावकों से वसूल रहे हैं। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि शीघ्र से शीघ्र स्कूलों द्वारा नये दाखिलों में की गई फीस वृद्धि व अपनी मर्जी से बनाए गए गैर कानूनी फंडों में लिए जा रहे पैसों की रसीद शीघ्र मंच को उपलब्ध कराएं। जिससे उनके बारे में भी चेयरमैन सीबीएसई को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की जा सके।
मंच ने कहा है कि सीबीएसई नियमों के तहत स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा बनाए गए मदो/फंडो में ही फीस लेनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फंड, टयूशन फीस, दाखिला फीस (सिर्फ नये दाखिले में), साइंस फीस, खेल शुल्क, पीपल्स फंड निर्धारित किए गए हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने अपनी मर्जी से गैर कानूनी सिक्योरिटी, स्कूल फंड, वार्षिक शुल्क, इंश्योरेंस, मेडिकल, केपीटेशन फीस, बिल्ंिडग फंड, एक्टिविटी कलेंडर, मैगजीन आदि अनेक फंड व मद बना रखे हैं जिन पर वे छात्र व अभिभावकों से पैसे वसूल रहे हैं।
इतना ही नहीं एलकेजी, यूकेजी के बच्चों से कम्पयूटर, मैगजीन, एग्जामिनेशन फीस के रूप में पैसे ले रहे हैं जो किसी भी तरह उचित नहीं है।
मंच ने चेयरमैन को यह भी जानकारी दी है कि आगामी शिक्षा सत्र की पढ़ाई एक अप्रैल 2015 से होनी है लेकिन स्कूल प्रबंधक चार-पांच महीने पहले ही एडवांस के रूप में अभिभावकों से पूरी फीस 40 हजार से एक लाख रुपए के बीच में वसूल रहे हैं जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि इसी प्रकार की एक जांच कमेटी 24 जुलाई 2014 को भी बनाई गई थी। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके इस जांच कमेटी को ठंडे बस्ते में डलवा दिया था जिसके विरोध में मंच का प्रतिनिधि मंडल चेयरमैन सीबीएसई से मिला था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वे शीघ्र ही स्कूलों द्वारा किए जा रहे सीबीएसई के उल्लंघन की जांच कराने का पुन: आदेश जारी करेंगे। लेकिन इसी दौरान केन्द्र में नई सरकार के गठन के बाद चेयरमैन विनीत जोशी का तबादला हो गया। मंच ने उनकी जगह आए दूसरे चेयरमैन सीबीएसई को पत्र लिखकर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया और दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की। जिस पर संज्ञान लेते हुए नये चेयरमैन ने यह जांच कमेटी बनाई है। मंच शीघ्र ही इन तीन स्कूलों के अलावा अन्य निजी स्कूलों द्वारा की जा रही लूट-खसौट व मनमानी की जानकारी नए चेयरमैन को देकर उनके खिलाफ भी जांच कराने की मांग करेगा।

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