नवीन गुप्ता
चण्डीगढ़, 11 मई: हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कुरूक्षेत्र स्थित कल्पना चावला तारामंडल में इंफ्रास्ट्रक्चर को अत्याधुनिक तकनीक के अनुरूप विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की योजना बनाई है ताकि तारामंडल का दौरा करने वाले स्कूली बच्चे, युवा वैज्ञानिक व अन्य पर्यटक एक नये अनुभव का अहसास करें। विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि परिसर में नये डिजिटल उपकरणों को शामिल किया जाएगा तथा प्रदर्शनी गैलरी का जीर्णोद्घार कार्य चल रहा है तथा कई नई प्रकार की प्रदर्शनियों की व्यवस्था आगंतुकों के लिए करवायी जाएगी। इससे जनता को सौरमंडल व तारामंडल में हो रही नवीनतम खोजों व अन्य गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध होगी।
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि कल्पना चावला पहली भारतीय महिला थी, जो वर्ष 1997 में नासा से जुड़ी थी। वह जिला करनाल की रहने वाली थी। नासा अंतरिक्ष यान-107 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उनका कोलम्बिया यान दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण पृथ्वी पर नहीं लौट पाया था और उनकी मौत हो गई थी। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2007 में केन्द्र सरकार के सहयोग से 6.50 करोड़ रुपये की लागत से उनकी याद में कुरूक्षेत्र में कल्पना चावला तारामंडल की स्थापना करवाई थी। उन्होंने बताया कि औसतन हर वर्ष 1.15 लाख खगोल विज्ञान से जुड़े विद्यार्थी व अन्य पर्यटक यहां का दौरा करते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए शीघ्र ही टिकटों की ऑन लाइन बुकिंग भी आरम्भ की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रात: 11 बजे, दोपहर 12 बजे, बाद दोपहर एक व दो बजे तथा सायं 3.30 बजे प्रतिदिन शो दिखाए जाते हैं। तारामंडल में प्रर्दशनी के एक भाग को डॉक्टर कल्पना चावला के नाम समर्पित किया गया है तथा नासा मिशन सहित उनके जीवन से जुड़े हुए विभिन्न पहलूओं की जानकारी दी गई है। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि उन्हें तारामंडल का दौरान अवश्य करना चाहिए क्योंकि इस के दौरे से लगेगा कि आप जमीन पर नहीं बल्कि तारामंडल की सैर कर रहे हैं।

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